अलवर एसीबी की ताबड़तोड़ कार्यवाही
*सेटलमेंट ऑफ़िसर RAS अशोक सांखला खुद सेटलमेंट करते पकड़ा गया*
----अलवर के पूर्व जिला कलेक्टर आईएएस नन्नूमल पहाडिया व एक दलाल भी गिरफ्तार
--16 लाख डिमांड, 5 लाख की ले रहे थे रिश्वत, एसीबी ने रंगे हाथ दबोचा
*शर्मसार होता प्रदेश में सरकारी तंत्र, आखिर जनता किस पर भरोसा करे ?*
--पहाड़िया का होना था 99 दिन बाद रिटायरमेंट, रिटायरमेंट से महज 99 दिन पहले फंसा ACB के जाल में
--दिनेश एमएन की मॉटिवेशनल स्पीच का हुआ असर, जनता ने दिया साथ, ताबड़तोड़ कार्यवाही
--एसीबी डीजी बी एल सोनी के निर्देशन में हुई कार्यवाही
राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो लगातार भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों का भंड़ाफोड़ कर रहा है। इसी क्रम में शनिवार को अलवर जिले से बड़ी कार्रवाई सामने आई है। यहां एसीबी ने अलवर के पूर्व जिला कलेक्टर आईएएस नन्नूमल पहाडिया, सैटलमेंट ऑफिसर कम राजस्व अपीलीय प्राधिकारी आरएएस अशोक सांखला एवं उनके दलाल को 5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपियों की ओर से 16 लाख की रिश्वत की डिमांड की गई थी।
*सेटलमेंट ऑफ़िसर अशोक सांखला खुद सेटलमेंट करते पकड़ा गया*
अशोक सांखला पुत्र प्रभाती लाल निवासी गांव भदाल तहसील सांभर, जिला जयपुर हाल निवासी ग्रीन एवेन्यू, आशादीप, जगतपुरा, जयपुर हाल सेटलमेंट ऑफिसर कम राजस्व अपीलीय प्राधिकारी, अलवर आर.ए.एस. को परिवादी से 5 लाख रुपये की रिश्वत प्राप्त कर अपने दलाल नितिन शर्मा पुत्र अशोक शर्मा निवासी कल्लूपाड़ा, पुलिस थाना कोतवाली अलवर जिला अलवर द्वारा ले जाते हुए उसे एसीबी टीम द्वारा रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
वहीं इस प्रकरण में नन्नूमल पहाड़िया पुत्र स्व. छोटेलाल निवासी पथैना, तहसील भुसावर, जिला भरतपुर हाल आई.ए.एस. पूर्व जिला कलक्टर, अलवर को जो जिला कलक्टर अलवर के पद से दो दिन पूर्व ही रिलीव हो गए थे, को जिला कलक्टर आवास से गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि आरोपी अशोक सांखला आर.ए.एस. द्वारा परिवादी से पूर्व में ही 5 लाख रुपये रिश्वत के रूप में वसूल कर लिये थे।
*निर्माण कार्यों को निर्बाध रूप से चलाने की एवज में मांगी जा रही थी मासिक बंधी*
एसीबी डीजी के भगवान लाल सोनी ने बताया कि एसीबी की अलवर टीम को परिवादी ने शिकायत दी गई कि उसकी फर्म की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्यों को निर्बाध रूप से चलाने की एवज में मासिक बंधी के रूप में यह राशि मांगी थी। परिवादी ने एसीबी को बताया कि आईएएस नन्नूमल पहाडिया, आरएएस अशोक सांखला सेटलमेंट ऑफिसर कम राजस्व अपीलीय प्राधिकारी उसे 16 लाख रूपए की रिश्वत राशि मांग कर को लेकर लगातार परेशान कर रहे थे।इस पर एसीबी के एडीजी दिनेश एमएन के सुपरविजन में एसीबी अलवर ईकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन करवाया था।
*तीनों आरोपियों को रंगे हाथों किया गिरफ्तार*
एसीबी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार शिकायत के सत्यापन जांच में शिकायत सही निकली। इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने टीम का गठन कर आरोपियों को ट्रेप किया। साथ ही आरोपियों को हाथों को गिरफ्तार कर लिया। उप अधीक्षक महेन्द्र कुमार और उनकी टीम ने ट्रेप की कार्रवाई करते हुए तीनों को गिरफ्तार किया है।
*तीन दिन पहले हुए थे रिलीव- अब चढ़े एसीबी के हत्थे*
आई ए एस नन्नूमल पहाड़िया तीन दिन पहले ही अलवर कलेक्टर के पद से रिलीव हुए थे। एसीबी के मुताबिक शिकायतकर्ता सुबह जब रुपए लेकर अशोक सांखला के पास पहुंचा। शिकायतकर्ता ने सांखला को पैसे दिए। इसके बाद सांखला ने दलाल नितिन शर्मा को इसे पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया के पास पहुंचाने के लिए कहा। दलाल पहाड़िया को पैसा देने जा रहा था, उसी दौरान रास्ते में एसीबी ने उसे पकड़ लिया और पहाड़िया को कलेक्टर आवास से गिरफ्तार किया। वहीं पहाड़िया के जयपुर के महेश नगर स्थित मकान में सर्च भी शुरू कर दिया है। पहाड़िया के महेश नगर स्थित आवास पर एसीबी को कई दस्तावेज और नगदी मिली है जिसका खुलास एसीबी जल्द करेगी। वहीं आरएएस अशोक सांखला के जयपुर स्थित आवास पर भी सर्च किया जा रहा है।
*मोटिवेशनल स्पीच से लोगों में बढ़ी हिम्मत-लोगो ने खुद दी जानकारी*
एडिशनल एसपी एसबी अलवर विजयसिंह ने बताया कि मंगलवार को एडीजी दिनेश एमएन का दौरा अलवर में था। इस दौरान एक सेमिनार आयोजित किया गया। जिस में अलवर को लोगों को बुलाया गया। जिस में दिनेशएमएन ने 30 मिनट का लेक्चर दिया। जिससे लोग काफी प्रभावित हुए, लोगों में भ्रष्टाचार को लेकर एक जोश देखाई दिया। जिसके बाद पिछले तीन दिन में एसीबी अलवर ने बुधवार को एडीसी को 8लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया। शुक्रवार को जेईएन को 1लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया। आज शनिवार को आईएएस-आरएएस और एक दलाल को 5लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
*अधिकारियो की जाँच करने वाला खुद ही फंसा, दस दिन पहले मिला था पद*
दस तीन पहले ही राज्य सरकार ने पहाड़िया का ट्रांसफर अलवर कलेक्टर से विभागीय जांच आयुक्त के पद पर किया था। तीन दिन पहले वे कलेक्टर पद से रिलीव भी हो गए थे। विभागीय जांच आयुक्त पद काफी महत्वपूर्ण पद माना जाता है, क्योंकि यह विभिन्न गड़बड़ियों में फंसे अधिकारी-कर्मचारियों से जुड़ी जांच का जिम्मा संभालता है।नन्नूमल पहाड़िया का होना था 99 दिन बाद रिटायरमेंट, रिटायरमेंट से महज 99 दिन पहले फंसा ACB के जाल में, तत्कालीन कलेक्टर होते हुए भी कलेक्टर के घर में बैठकर ले रहे थे रिश्वत|