राष्ट्रीय सेवा योजना, भारत स्काउट एंड गाइड व विशेष शिक्षा विभाग ने मिलकर रचा पर्यावरण चेतना का अध्याय
आबूरोड़ (दिनेश मेघवाल)
विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर माधव विश्वविद्यालय एक भव्य व ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बना जब राष्ट्रीय सेवा योजना,भारत स्काउट एंड गाइड व विशेष शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पृथ्वी संरक्षण को समर्पित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल पर्यावरणीय चेतना का केंद्र बना, बल्कि विद्यार्थियों में जिम्मेदारी का बीज भी बोया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ भावेश कुमावत ने पर्यावरण जागरूकता को लेकर अपने विचार व्यक्त किये और सभी से पौधारोपण करने की अपील की।
विश्वविद्यालय के अकादमिक डीन एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. महेन्द्र परमार ने "जीरो वेस्ट लाइफस्टाइल" पर अपने विचार रखते हुए बताया कि किस प्रकार हम छोटे कदमों से बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।
एनएसएस निदेशक डॉ. देवेंद्र मुजाल्दा ने विश्व पृथ्वी दिवस के ऐतिहासिक संदर्भों और वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए युवाओं से प्रकृति के प्रहरी बनने का आह्वान किया।
विशेष शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. घनश्याम कुशवाहा ने पृथ्वी मां के संरक्षण हेतु समर्पण भाव जगाने का संदेश दिया और पर्यावरण के प्रति जागरूक किया।
वहीं कृषि विभाग की विशेषज्ञ डॉ. रुचिता कोटड़िया ने "जैविक खेती" की संकल्पना को सजीव करते हुए रसायनमुक्त कृषि की अनिवार्यता को रेखांकित किया।
डॉ. संगीता ने ई-वेस्ट प्रबंधन की जटिलता को सरलता से समझाया और जागरूकता की अलख जगाई। वहीं डॉ. मुहर्रम अंसारी ने स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में "सौर ऊर्जा" के महत्व पर जोर देते हुए इसके दैनिक जीवन में उपयोग के आसान उपाय बताए।
कार्यक्रम का सफल संचालन और समन्वयन सहायक प्राध्यापक पठान तोफीक खान ने किया। समापन सत्र में डॉ. रेणुका ने आभार प्रदर्शन करते हुए सभी अतिथियों, वक्ताओं, विभागीय सदस्यों एवं विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागियों ने पृथ्वी संरक्षण की शपथ ली और वृक्षारोपण कर धरती मां के प्रति अपने दायित्व को मूर्त रूप दिया। इस अवसर पर डॉ. अवनिया मिश्रा, मयंक अवस्थी, अजय कश्यप, श्रेय खटक, मनोज कुमार सर सहित विशेष शिक्षा विभाग के समस्त संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
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